चक्रवर्ती का स्तंभ
“बाबा यह कैसे बना? इस को किस ने बनाया? इस पर क्या लिखा है?” सरला ने कई सवाल किए. बूढ़ा …
“बाबा यह कैसे बना? इस को किस ने बनाया? इस पर क्या लिखा है?” सरला ने कई सवाल किए. बूढ़ा …
श्यामसुंदर ने विरक्त हो कर कहा, “कला! यह मुझे नहीं अच्छा लगता.” कलावती ने लैंप की बत्ती कम करते हुए, …
जब बसंत की पहली लहर अपना पीला रंग सीमा के खेतों पर चढ़ा लाई, काली कोयल ने उसे बरजना आरंभ …
नवल और विमल दोनों बात करते हुए टहल रहे थे. विमल ने कहा “साहित्य सेवा भी एक व्यसन है.” “नहीं …
“साईं! ओ साईं!!” एक लड़के ने पुकारा. साईं घूम पड़ा. उस ने देखा कि एक 8 वर्ष का बालक उसे …
दीर्घ निःश्वासों का क्रीड़ा स्थल, गरमगरम आंसुओं का फूटा हुआ पात्र! कराल काल की सारंगी, एक बुढ़िया का जीर्ण कंकाल, …
जनता के दुःख दांत की विकट पीड़ा के समान हैं और समाज के मुंह में ऐसे कई गले-सड़े तथा रोगी …
अनेकों की प्रसन्नताओं से भी मैं अपनी मनोव्यथाओं को नहीं बदलूंगा और न मैं उन आंसुओं को, जो मेरे प्रत्येक …