कलावती की शिक्षा

श्यामसुंदर ने विरक्त हो कर कहा, “कला! यह मुझे नहीं अच्छा लगता.” कलावती ने लैंप की बत्ती कम करते हुए, …

Read more

खंडहर की लिपि

जब बसंत की पहली लहर अपना पीला रंग सीमा के खेतों पर चढ़ा लाई, काली कोयल ने उसे बरजना आरंभ …

Read more

पत्थर की पुकार

नवल और विमल दोनों बात करते हुए टहल रहे थे.  विमल ने कहा “साहित्य सेवा भी एक व्यसन है.” “नहीं …

Read more

गूदड़ साईं

“साईं! ओ साईं!!” एक लड़के ने पुकारा. साईं घूम पड़ा. उस ने देखा कि एक 8 वर्ष का बालक उसे …

Read more

गुदड़ी में लाल

दीर्घ निःश्वासों का क्रीड़ा स्थल, गरमगरम आंसुओं का फूटा हुआ पात्र! कराल काल की सारंगी, एक बुढ़िया का जीर्ण कंकाल, …

Read more

दो काव्य

कई शताब्दियां बीत गईं, जब एथेन्स के राजमार्ग पर दो कवियों की भेंट हुई। दोनों एक-दूसरे को देखकर फूले न …

Read more

दुःख के गीत

जनता के दुःख दांत की विकट पीड़ा के समान हैं और समाज के मुंह में ऐसे कई गले-सड़े तथा रोगी …

Read more

प्रसाद

मधुप अभी किसलय शय्या पर, मकरंद मदिरा पान किए सो गए थे. सुंदरी के मुख मंडल पर प्रस्वेद बिंदु के …

Read more

एक आँसू एक मुस्कान

अनेकों की प्रसन्नताओं से भी मैं अपनी मनोव्यथाओं को नहीं बदलूंगा और न मैं उन आंसुओं को, जो मेरे प्रत्येक …

Read more