गरुड़ और चकवा
एक ऊंचे पर्वत की चट्टान पर एक गरुड़ और चकवा की भेंट हुई। चकवा ने कहा, “नमस्कार, श्रीमान् ।” गरुड़ …
खलील जिब्रान ने अपने जीवन में अनेकों कहानियों की रचना की। इन कहानियों में इन्होंने समाज, व्यक्ति, धार्मिक पाखण्ड, वर्ग संघर्ष, प्रेम, न्याय, कला आदि विषयों को आधार बनाया। इनकी कहानियों में पाखण्ड के प्रति गहरा विद्रोह स्पष्ट परिलक्षित होता है। इसके अतिरिक्त इनके साहित्य में जीवन के प्रति गहरी | अनुभूति, संवेदनशीलता, भावात्मकता व व्यंग्य भी परिलक्षित होता है।
इन कहानियों को पढ़कर अनुभव होता है कि संसार में व्याप्त पीड़ा और विषमता के लिए स्वयं मनुष्य जिम्मेदार है और इन बुराइयों को दूर करने के लिए मनुष्य को स्वयं ही प्रयत्न करना होगा।
प्रस्तुत संकलन में खलील जिब्रान के उत्कृष्ट साहित्य में से चुनिंदा कहानियों को संकलित किया गया है। ये कहानियां न केवल पाठकों का मनोरंजन करेंगी वरन् उन्हें एक नयी दृष्टि प्रदान करेंगी, उनकी सोच को परिष्कृत करेंगी। ऐसा हमारा पूर्ण विश्वास है।
एक ऊंचे पर्वत की चट्टान पर एक गरुड़ और चकवा की भेंट हुई। चकवा ने कहा, “नमस्कार, श्रीमान् ।” गरुड़ …
मध्यरात्रि के समय अपने शयन-कक्ष में राचेल जाग उठी और आकाश में एक अदृश्य वस्तु को निहारने लगी। उसने जीवन …
एक भव्य भवन रात्रि की नीरवता के पंखों के साए में इस तरह स्थित था, मानो मृत्यु के खोल में …
ज़ाद की सड़क पर चलते हुए एक पथिक की भेंट पास ही गांव के रहने वाले एक आदमी से हुई। …
रात्रि ने नगर पर अपने पंख फैला दिये और हिम ने उसे अपनी चादर में लपेट लिया। शीत के मारे …
सूर्य नगर को चन्द्रमा ने एक सुरम्य झीनी चादर से ढंक दिया और सम्पूर्ण जीव-जगत में निस्तब्धता छा गई। भयावने …
रात का भयानक सन्नाटा था। घने बादलों के गहरे आवरण के पीछे चांद और सितारे छिप गये थे और मैं …
एक दिन नबी शरीह को एक उद्यान में एक बालक मिला। बालक दौड़ा-दौड़ा उनके पास आया और बोला, “नमस्कार श्रीमान” …