गरुड़ और चकवा

एक ऊंचे पर्वत की चट्टान पर एक गरुड़ और चकवा की भेंट हुई। चकवा ने कहा, “नमस्कार, श्रीमान् ।” गरुड़ …

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गुप्त प्रेम

मध्यरात्रि के समय अपने शयन-कक्ष में राचेल जाग उठी और आकाश में एक अदृश्य वस्तु को निहारने लगी। उसने जीवन …

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हृदय-रहस्य

एक भव्य भवन रात्रि की नीरवता के पंखों के साए में इस तरह स्थित था, मानो मृत्यु के खोल में …

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इन्साफ

एक रात शाही महल में एक दावत हुई। इस मौके पर एक आदमी आया और अपने आपको शहजादे के सामने …

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कवि की मृत्यु

रात्रि ने नगर पर अपने पंख फैला दिये और हिम ने उसे अपनी चादर में लपेट लिया। शीत के मारे …

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खंडहरों के बीच

सूर्य नगर को चन्द्रमा ने एक सुरम्य झीनी चादर से ढंक दिया और सम्पूर्ण जीव-जगत में निस्तब्धता छा गई। भयावने …

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खोज

एक हजार वर्ष पूर्व लेबेनान के ढाल पर दो दार्शनिक आ मिले। एक ने दूसरे से पूछा, “कहां जा रहे …

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मुर्दाें के बीच

रात का भयानक सन्नाटा था। घने बादलों के गहरे आवरण के पीछे चांद और सितारे छिप गये थे और मैं …

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नबी और बालक

एक दिन नबी शरीह को एक उद्यान में एक बालक मिला। बालक दौड़ा-दौड़ा उनके पास आया और बोला, “नमस्कार श्रीमान” …

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