गुलाम

फूल नहीं खिलते हैं, बेले की कलियां मुरझाई जा रही हैं. समय में नीरद ने सींचा नहीं, किसी माली की …

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अशोक

पूत सलिला भागीरथी के तट पर चंद्रालोक में महाराज चक्रवर्ती अशोक टहल रहे हैं. थोड़ी दूर पर एक युवक खड़ा …

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चित्तौर उद्धार

दीपमालाएं आपस में कुछ हिलहिल कर इंगित कर रही हैं, किंतु मौन हैं. सज्जित मंदिर में लगे हए चित्र एकटक …

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सिकंदर की शपथ

सूर्य की चमकीली किरणों के साथ, यूनानियों के बरछे की चमक से ‘मिंगलौर‘ दुर्ग घिरा हुआ है. यूनानियों के दुर्ग …

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शरणागत

प्रभात कालीन सूर्य की किरणें अभी पूर्व के आकाश में नहीं दिखाई पड़ती हैं. ताराओं का क्षीण प्रकाश अभी अंबर …

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रसिया बालम

संसार को शांतिमय करने के लिए रजनी देवी ने अभी अपना अधिकार पूर्णतः प्राप्त नहीं किया है. अंशुमाली (सूर्य) अभी …

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ग्राम

टनटन! टन! स्टेशन पर घंटी बोली. श्रावण मास की संध्या भी कैसी मनोहारिणी होती है! मेघ माला विभूषित गगन की …

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चंदा

चैत्र, कृष्णाष्टमी का चंद्रमा अपना उज्ज्वल प्रकाश ‘चंद्रप्रभा’ के निर्मल जल पर डाल रहा है। गिरि श्रेणी के तरुवर अपने …

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तानसेन

यह छोटा सा सरोवर भी क्या ही सुंदर है, सुहावने आम और जामुन के वृक्ष चारों ओर से इसे घेरे …

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मदन-मृणालिनी

विजयादशमी का त्योहार समीप है. बालक लोग नित्य रामलीला होने से आनंद में मग्न हैं. हाथ में धनुष और तीर …

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