तीन चींटियां

एक आदमी धूप में पड़ा सो रहा था कि उसके शरीर पर इधर-उधर घूमती तीन चींटियां उसकी नाक पर आ …

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उत्सव

रात हो चुकी थी और अंधेरे ने सारे नगर को मानो निगल लिया था; पर महलों, झोंपड़ियों और दुकानों में …

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रूप की छाया

काशी के घाटों की सौध श्रेणी जाह्नवी के पश्चिम तट पर धवल शैल माला-सी खड़ी है। उनके पीछे दिवाकर छिप …

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